सदियौ से नेपालके शासक वर्ग सब नेपालमे रहे बाला नेपाली वाशी सबमे एक विराट राजवंशीप जाति भि छियै । एक तरफ यी देशके हिमालमे रहेवाला आरह पहाडमे रहेवाला पहाडी समुदाय एक दोसर से मिलिके रहेवाला ठाउँमे नेपालके दोसर कोशी प्रदेश राजधानीके रुपमे विराटनगरके मोरङ जिल्लामे स्थायी सदरमुकाममे एक विराट राजवंशी समाज आरह वर्ग सियाके बसोबास छै।
जे समयमे विराटनगर पुरा जङ्गल सब फरानी करीके लागि पहिला स लाके आइज तक भि यी शासक वर्ग स भुल भुलैया मे राखिके हर सुबिधा से बन्चित कर्ल छै। आरह यी जातिके अखनी एक खुबी छैकि विराटनगर महानगरपालिकाके आसपास मे आपन भेष भुषा रहनसहन आरह एक ठाउँ गाउँ बस्तीमे रहि रहल छै। विराट राजवंशी सियाके कुछ समाज सुन्सरी जिल्लामे भि बसोबास करि रहल छै। जनसंख्याके तुलनामे करिब ६०/७० हजारके हाराहारीके संख्यामे छै।
आदिवासी जनजाति उत्थान राष्ट्रिय प्रतिष्ठान मे हाल अलग विराट राजअलगके सुचिक्रीत करे खातिर सब विराट राजवंशीके संघ संस्था एक भ्याके अधिकारके खातिर लागे पोर्तै ।राज्यके शासक वर्ग से अपहेलित भ्या रहल छै।राणा शासक वर्ग , प्रजातान्त्रिक संघीय लोकतन्त्रमे भि विराट राजवंशी समुदायके अधिकार विहीन आरह अपहेलित करिके आबि रहल छै । कुछ पहिनै राज्यद्वारा जनसंख्या जाति समुदाय आधार मे जनजाती आदिवासी , दलित अन्य जाति के सुचिक्रीत मे राखलकै । विराट राजवंशी जातिके आदिवासीमे दर्जा नै देलकै ।
विराट राजवंशी समुदाय स जोरल ग्रामथान, विराट राजा दरवार, विराट राजवंशी भाषा , भेषभुषा, संस्कृतिक भुमि , शितलु दास गूठी लायत संरक्षण सम्बद्घन के खातिर विराट राजवंशी समुदाय एक ठाँउमे खरा भ्या अधिकार प्राप्तिके खातिर आन्दोलनके आवश्यकता छै।तब विराट राजवंशी के हक अधिकार प्राप्त हेतै जनविश्वास छै। जय विराट राजवंशी।